भारतीय ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने अंतरराष्ट्रीय cricket से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिसबेन टेस्ट ड्रॉ होने के बाद अश्विन का यह निर्णय सामने आया। कप्तान रोहित शर्मा ने इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी। एडिलेड में आयोजित डे-नाइट टेस्ट उनका अंतिम टेस्ट मैच था। अश्विन टेस्ट क्रिकेट में अनिल कुंबले के बाद भारत के लिए दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने भारत के लिए कुल 106 टेस्ट खेले, जिसमें उन्होंने 24 की औसत से 537 विकेट झटके।
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफ़ी के दौरान अश्विन ने पहले तीन टेस्ट में से केवल एक टेस्ट (डे-नाइट टेस्ट) खेला, जिसमें उन्होंने 53 रन देकर एक विकेट हासिल किया था। इससे पहले वह भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच हुई टेस्ट सीरीज़ का हिस्सा थे, जहां भारत को 0-3 से हार का सामना करना पड़ा था। उस सीरीज़ में अश्विन का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। उन्होंने 3 टेस्ट में 41.2 की औसत से सिर्फ़ 9 विकेट लिए थे।
भारत विदेशों में खेलने वाले अश्विन भारतीय प्लेइंग-11 का नियमित हिस्सा नहीं होते हैं, और भारत को अगली घरेलू टेस्ट श्रृंखला अगले साल नवंबर में खेलनी है। इससे पहले भारत गर्मियों में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला खेलने जाएगा। अश्विन के पास 6 टेस्ट शतक और 14 अर्धशतकों सहित 3500 से ज्यादा टेस्ट रन हैं, और वह 300 विकेट और 3000 रन का डबल करने वाले दुनिया के 11वें ऑलराउंडर हैं। उनके नाम मुथैया मुरलीधरन के बराबर कुल 11 प्लेयर ऑफ़ द सीरीज़ पुरस्कार हैं।